दीप ज्योति का मुख्य पर्व दीपावली कार्तिक नक्षत्र दिनांक 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। पर्व विशेष पर लक्ष्मी पूजन का प्रमुख समय प्रदोष काल माना जाता है। इसमें स्थिर जूनून की प्रधानता विशेष है। अत: दीपावली पर पूजन का उत्तम कृष्ण नक्षत्र वृषभ सायं 6:27 से रात्रि 8:23 बजे तक है। इस तरह के घर-प्रतिष्ठानों में श्रीसमृद्धि की कामना से लक्ष्मी पूजन के लिए सायंकाल 1.57 घंटे का उत्सव मिल रहा है। इसके बाद स्थिर लग्न सिंह मध्य रात्रि 12:53 बजे से भोर 3:09 बजे तक मिल रहा है।
ज्योतिषाचार्य पं. ऋषियों के शिष्य हैं कि कार्तिक एस्ट्रोजन की तिथि इस बार 31 अक्टूबर और एक नवंबर दो दिन है।
31 अक्टूबर को दोपहर 3:12 बजे लग रही जो एक नवंबर को शाम 5:13 बजे तक है।
एक नवंबर को सूर्य सायं 5:32 बजे हो रहा है।
दुर्भाग्यशाली सूर्य से पूर्व 5:13 बजे समाप्त हो रही है।
एक नवंबर को ही शाम 5:13 बजे के बाद प्रतिपदा लग जा रही है।
एक नवंबर को प्रदोष काल व निशिथकाल दोनों में कार्तिक विस्फोट न मिलने से 31 अक्टूबर को दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत है।
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